9तब तू सातवें महीने की दसवीं तारीख़ की बड़ा नरसिंगा ज़ोर से फुँकवाना, तुम कफ़्फ़ारे के रोज़ अपने सारे मुल्क में यह नरसिंगा फुँकवाना।
10और तुम पचासवें बरस को पाक जानना और तमाम मुल्क में सब बाशिन्दों के लिए आज़ादी का 'ऐलान कराना, यह तुम्हारे लिए यूबली हो। इसमें तुम में से हर एक अपनी मिल्कियत का मालिक हो, और हर शख़्स अपने ख़ान्दान में फिर शामिल हो जाए।
11वह पचासवाँ बरस तुम्हारे लिए यूबली हो, तुम उसमें कुछ न बोना और न उसे जो अपने आप पैदा हो जाए काटना और न बे — छटी ताकों का अंगूर जमा' करना।
12क्यूँकि वह साल — ए — यूबली होगा; इसलिए वह तुम्हारे लिए पाक ठहरे, तुम उसकी पैदावार की खेत से लेकर खाना।