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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - अम्सा - अम्सा 6

अम्सा 6:26-32

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26क्यूँकि धोके की वजह से आदमी टुकड़े का मुहताज हो जाता है, और ज़ानिया क़ीमती जान का शिकार करती है।
27क्या मुम्किन है कि आदमी अपने सीने में आग रख्खे, और उसके कपड़े न जलें?
28या कोई अंगारों पर चले, और उसके पाँव न झुलसें?
29वह भी ऐसा है जो अपने पड़ोसी की बीवी के पास जाता है; जो कोई उसे छुए बे सज़ा न रहेगा।
30चोर अगर भूक के मारे अपना पेट भरने को चोरी करे, तो लोग उसे हक़ीर नहीं जानते;
31लेकिन अगर वह पकड़ा जाए तो सात गुना भरेगा, उसे अपने घर का सारा माल देना पड़ेगा।
32जो किसी 'औरत से ज़िना करता है वह बे'अक़्ल है; वही ऐसा करता है जो अपनी जान को हलाक करना चाहता है।

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