10नेकोकार बीवी किसको मिलती है? क्यूँकि उसकी क़द्र मरजान से भी बहुत ज़्यादा है।
11उसके शौहर के दिल को उस पर भरोसा है, और उसे मुनाफ़े' की कमी न होगी।
12वह अपनी उम्र के तमाम दिनों में, उससे नेकी ही करेगी, बदी न करेगी।
13वह ऊन और कतान ढूंडती है, और ख़ुशी के साथ अपने हाथों से काम करती है।
14वह सौदागरों के जहाज़ों की तरह है, वह अपनी ख़ुराक दूर से ले आती है।
15वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को खिलाती है, और अपनी लौंडियों को काम देती है।
16वह किसी खेत की बारे में सोचती हैऔर उसे ख़रीद लेती है; और अपने हाथों के नफ़े' से ताकिस्तान लगाती है।