16जो उसको रोकता है, हवा को रोकता है; और उसका दहना हाथ तेल को पकड़ता है।
17जिस तरह लोहा लोहे को तेज़ करता है, उसी तरह आदमी के दोस्त के चहरे की आब उसी से है।
18जो अंजीर के दरख़्त की निगहबानी करता है उसका मेवा खाएगा, और जो अपने आक़ा की खिदमत करता है 'इज़्ज़त पाएगा।
19जिस तरह पानी में चेहरा चेहरे से मुशाबह है, उसी तरह आदमी का दिल आदमी से।