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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - अम्सा - अम्सा 16

अम्सा 16:3-33

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3अपने सब काम ख़ुदावन्द पर छोड़ दे, तो तेरे इरादे क़ाईम रहेंगे।
4ख़ुदावन्द ने हर एक चीज़ ख़ास मक़सद के लिए बनाई, हाँ शरीरों को भी उसने बुरे दिन के लिए बनाया।
5हर एक से जिसके दिल में गु़रूर है, ख़ुदावन्द को नफ़रत है; यक़ीनन वह बे सज़ा न छूटेगा।
6शफ़क़त और सच्चाई से बदी का और लोग ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ की वजह से बदी से बाज़ आते हैं।
7जब इंसान का चाल चलन ख़ुदावन्द को पसंद आता है तो वह उसके दुश्मनों को भी उसके दोस्त बनाता है।
8सदाक़त के साथ थोड़ा सा माल, बे इन्साफ़ी की बड़ी आमदनी से बेहतर है।
9आदमी का दिल आपनी राह ठहराता है लेकिन ख़ुदावन्द उसके क़दमों की रहनुमाई करता है।
10कलाम — ए — रब्बानी बादशाह के लबों से निकलता है, और उसका मुँह 'अदालत करने में ख़ता नहीं करता।
11ठीक तराजू़ और पलड़े ख़ुदावन्द के हैं, थैली के सब तौल बाट उसका काम हैं।
12शरारत करने से बादशाहों को नफ़रत है, क्यूँकि तख़्त का क़याम सदाक़त से है।
13सादिक़ लब बादशाहों की ख़ुशनूदी हैं, और वह सच बोलने वालों को दोस्त रखते हैं।
14बादशाह का क़हर मौत का क़ासिद है, लेकिन 'अक़्लमंद आदमी उसे ठंडा करता है।
15बादशाह के चेहरे के नूर में ज़िन्दगी है, और उसकी नज़र — ए — 'इनायत आख़री बरसात के बादल की तरह है।
16हिकमत का हुसूल सोने से बहुत बेहतर है, और समझ का हुसूल चाँदी से बहुत पसन्दीदा है।
17रास्तकार आदमी की शाहराह यह है कि बदी से भागे, और अपनी राह का निगहबान अपनी जान की हिफ़ाजत करता है।
18हलाकत से पहले तकब्बुर, और ज़वाल से पहले ख़ुदबीनी है।
19ग़रीबों के साथ फ़रोतन बनना, मुतकब्बिरों के साथ लूट का माल तक़सीम करने से बेहतर है।
20जो कलाम पर तवज्जुह करता है, भलाई देखेगा:और जिसका भरोसा ख़ुदावन्द पर है, मुबारक है।
21'अक़्लमंद दिल होशियार कहलाएगा, और शीरीन ज़बानी से 'इल्म की फ़िरावानी होती है।
22'अक्लमंद के लिए 'अक़्ल हयात का चश्मा है, लेकिन बेवक़ूफ़ की तरबियत बेवक़ूफ़ ही है।
23'अक़्लमंद का दिल उसके मुँह की तरबियत करता है, और उसके लबों को 'इल्म बख़्शता है।
24दिलपसंद बातें शहद का छत्ता हैं, वह जी को मीठी लगती हैं और हड्डियों के लिए शिफ़ा हैं।
25ऐसी राह भी है, जो इंसान को सीधी मा'लूम होती है; लेकिन उसकी इन्तिहा में मौत की राहें हैं।
26मेहनत करने वाले की ख़्वाहिश उससे काम कराती है, क्यूँकि उसका पेट उसको उभारता है।
27ख़बीस आदमी शरारत को ख़ुद कर निकालता है, और उसके लबों में जैसे जलाने वाली आग है।
28टेढ़ा आदमी फ़ितना ओंगेज़ है, और ग़ीबत करने वाला दोस्तों में जुदाई डालता है।
29तुन्दखू़ आदमी अपने पड़ोसियों को वरग़लाता है, और उसको बुरी राह पर ले जाता है।
30आँख मारने वाला कजी ईजाद करता है, और लब चबाने वाला फ़साद खड़ा करता है।
31सफ़ेद सिर शौकत का ताज है; वह सदाक़त की राह पर पाया जाएगा।
32जो क़हर करने में धीमा है पहलवान से बेहतर है, और वह जो अपनी रूह पर ज़ाबित है उस से जो शहर को ले लेता है।
33पर्ची गोद में डाली जाती है, लेकिन उसका सारा इन्तिज़ाम ख़ुदावन्द की तरफ़ से है।

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