21यक़ीनन शरीर बे सज़ा न छूटेगा, लेकिन सादिक़ों की नसल रिहाई पाएगी।
22बेतमीज़ 'औरत में खू़बसूरती, जैसे सूअर की नाक में सोने की नथ है।
23सादिक़ों की तमन्ना सिर्फ़ नेकी है; लेकिन शरीरों की उम्मीद ग़ज़ब है।
24कोई तो बिथराता है, लेकिन तो भी तरक़्क़ी करता है; और कोई सही ख़र्च से परहेज़ करता है, लेकिन तोभी कंगाल है।
25सख़ी दिल मोटा हो जाएगा, और सेराब करने वाला ख़ुद भी सेराब होगा।